Monday, September 25, 2017

कौन?

चाँद का हसीं पैगाम आया ।
हवाओं  का सलाम  आया ।

बहारों  ने  हैं  राहें  सजाई ,
बाग में एक फूल मुस्कुराया।

नदियां कल कल करती हैं ,
कोई गीत  फिजा  ने गाया ।

पक्षियों का मधुर कलरव है,
फूल पर भंवरा गुनगुनाया ।

कौन उतरा 'कुमार' जमीं पर,
सबने अदब से सिर झुकाया।

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