चाँद का हसीं पैगाम आया ।
हवाओं का सलाम आया ।
बहारों ने हैं राहें सजाई ,
बाग में एक फूल मुस्कुराया।
नदियां कल कल करती हैं ,
कोई गीत फिजा ने गाया ।
पक्षियों का मधुर कलरव है,
फूल पर भंवरा गुनगुनाया ।
कौन उतरा 'कुमार' जमीं पर,
सबने अदब से सिर झुकाया।
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