हिन्दी के दौड़ते भागते विचारों का चौराहा .......
यदि दो पल और ठहर जाते तुम। दिल में कुछ गहरे उतर जाते तुम।
हर एक छुअन पर सिहर उठना, शायद इस शर्म से उबर जाते तुम।
कर देता तुमको बेचैन मैं इतना , मुझे अपनी बाहों में भर जाते तुम।
यदि समझ पाते दिल की हसरत, तब हद से आगे गुजर जाते तुम।
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