Friday, August 11, 2017

बुरा होता है !

कौन  कहता  है  कि  कोई  भी  इंसान बुरा होता है।
वह  जिसमें  भी  है बस  वह  किरदार  बुरा होता है।

कैसे  मैं  किसी  भी  घर  के  बच्चों  को  बुरा कह दूँ ,
हकीकत तो ये है कि घर का  सरदार  बुरा होता  है।

यह  जिस्म तो उस  खुदा  की नेमत है अपने बंदों को,
अगर बुरा है तो बस इसका किराएदार बुरा होता है।

चंद  लम्हात  के  लिए  ही  हमको  मिली  है  जिंदगी,
पानी  के बुलबुले से बरसों  का ये करार बुरा होता है।

हमारे  किस्से   को  बड़ी  साफगोई  से  वो  कहता  है,
खबर  बुरी हो  तो  हो  कहाँ  अखबार  बुरा होता है ।

सबको नसीब हो 'कुमार' ,अपने हिस्से का उजाला,
चंद लोगों का यह रोशनी का कारोबार बुरा होता है।

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