Monday, July 24, 2017

जरूरी नही

ज़रूरी  नही  बग़ावत  अंजाम तक  पहुँचे।
हर  मुसाफ़िर   यहाँ   मुकाम   तक  पहुँचे।

धुँधलकों  ने  बड़ा  धोखा  दिया सफर में,
निकले  थे  सहर खोजने शाम तक पहुँचे।

फाइलों  में  पूरी  हो गई  फ़रमाइशें  सारी,
बात तब है जब फ़ैसला अवाम तक पहुँचे।

दरिया को सोखकर समंदर रह गया प्यासा,
मैक़दे में  कहाँ  हर  होठ जाम  तक पहुँचे ।

थोड़ी  ज़िल्लत   मैं  भी  सह  लूँगा  'कुमार',
अगर यूँ कोई बात मेरी सरकार तक पहुँचे।

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