Sunday, July 23, 2017

पहचान गये !

अपना भला बुरा सब जान गये ।
ऐ  जिंदगी  तुझे  पहचान   गये ।

कुछ  तो  फर्क  है  हम  दोनों  में ,
तुम  रूठ  गये, हम  मान  गये ।

महफूज   है    खालीपन   मेरा ,
जाने  कितनी बार दुकान गये ।

मत   पूँछ  अँधेरों  की  हालत ,
जब  बनके  वहाँ  चिराग  गये ।

इस   दर्प   से  हासिल    क्या ,
तुम  जैसे  कितने श्मसान गये।

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