अपना भला बुरा सब जान गये ।
ऐ जिंदगी तुझे पहचान गये ।
कुछ तो फर्क है हम दोनों में ,
तुम रूठ गये, हम मान गये ।
महफूज है खालीपन मेरा ,
जाने कितनी बार दुकान गये ।
मत पूँछ अँधेरों की हालत ,
जब बनके वहाँ चिराग गये ।
इस दर्प से हासिल क्या ,
तुम जैसे कितने श्मसान गये।
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